Saturday, January 28, 2017

एपिसोड-53 🙋🏻 पढ़ने का मोल

मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
54 - आज की कहानी का शीर्षक- ‘पढ़ने का मोल’


विनती बारहवीं क्लास की परीक्षा में पहले नंबर पर आई है।
मीना विनती को बधाई देती है।  लेकिन विनती को दुःख है की वो अब आगे नहीं पढ़ पायेगी, उसके पिताजी संध्या दीदी को भी शहर से वापस बुला रहे हैं..उनकी पढाई छुडवा रहे हैं क्योंकि पिताजी पढाई का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं।  बहुत मुश्किल से संध्या दीदी को कॉलेज में दाखिला मिला था..........यह उसका आखिरी साल है। 

(विनती के घर)
विनती, पिताजी से संध्या दीदी के बारे में एक बार फिर से सोचने का अनुरोध करती है।  पिताजी कहते हैं कि दलाल फसल के दाम गिराता ही जा रहा है ..........अकेले किसान नहीं हैं जिसकी ये हालत है।

विनती कहती है कि  उसने तो सुना है कि  गन्ने की फसल के दाम बढ़ने वाले हैं। 
पिताजी- मांग तो बड़ी है दाम नहीं।
विनती कहती है कि जब मांग बड़ी है तो दाम कैसे गिर सकते हैं?

..........विनती की माँ उसे टोक कर चुप करा देती हैं।  (पिताजी के जाने के बाद) विनती की माँ विनती से कहती हैं कि संध्या की बात करके उन्हें दुखी न करे।

(तभी मीना विनती के घर पर आ जाती है) 
मीना चाचा जी (विनती के पिताजी) के बारे में पूंछती है।
विनती - पिताजी दलाल के पास गए हैं।
मीना - दलाल, ये दलाल कौन होता है?
विनती - दलाल,किसानों की फसल मंडी में बेचकर अपनी दलाली यानी कमीशन लेता है।
मीना- लेकिन किसान अपनी फसल मंडी में जाकर खुद क्यों नहीं बेचते दीदी?


विनती- क्योंकि मंडी हमारे गाँव से दूर है।  फसल का सही दाम तय करना,किस दाम पर कितना माल बेचना है? ये सब हर किसान को नहीं आता।
विनती को लगता है कि  ये सब गड़बड़ इसी दलाल की है।

मीना विनती को बहिन जी से बात करने की सलाह देती है। .....और विनती ने बहिन जी को जाकर सब कुछ बताया।

बहिन जी- आजकल किसानों की बहुत सी सहकारी संस्थाएं हैं जो इस बात का ख़ास ख्याल रखती हैं कि किसानो को उनकी फसल का उचित और वाजिब दाम मिले।

बहिन जी बताती हैं कि 3- 4  दिन पहले अखबार के आखिरी पन्ने पर सहकारी संस्था का विज्ञापन पढ़ा था।
विनती पंचायत घर जाकर वो अखवार ढूँढ कर लाती हैं। (घर आकर) सहकारी संस्था का पता मिलने की बात पिताजी को बताकर भरतपुर गाँव चलने को कहती है।

विनती और उसके पिता किशोरी लाल सहकारी संस्था के अधिकारी से मिलते हैं।
...........और फिर संस्था के अधिकारी उन्हें समझाते हैं कि वह अपनी फसल का सही दाम कैसे पा सकते हैं? ...और गाँव आकर स्वयं सभी को बताने का वादा भी करते हैं।

गाँव आकर....सब विनती की तारीफ करते हैं। ..और संध्या के साथ-साथ विनती की पढाई सुचारू रखने की बात उसके पिताजी भी कहते है।

आज का गीत-

जीवन में कुछ करना है हमको लिखना पढ़ना है। 
अपनी मंजिल पानी है हमको आगे बढ़ाना है। । 
पढ़ना लिखना है आसान हर लड़की पढ़े। 
राह सरल हो या मुश्किल हर लड़की बढे। । 
सच्चे दिल से मेहनत हर लड़की करे। 
खुद से वादा करना है हमको आगे बदन है। । 
जीवन में कुछ...........................। 
पूरा करना अपना काम चाहे जो भी हो 
सफर में न करना आराम चाहे जो भी हो। । 
करेगी मंजिल तुम्हे सलाम चाहे जो भी हो। 
हर मुश्किल से लड़ना है हमको आगे बढ़ाना है। । 
जीवन में कुछ......................।। 

आज का खेल- ‘नाम अनेक अक्षर एक’

‘च’ व्यक्ति- चाचा नेहरु 
जगह- चंडीगढ़ 
जानवर- चीता 
वस्तु- चाय की पत्ती, चीनी, चम्मच

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