Wednesday, February 8, 2017

एपिसोड-55 🙆🏻 ‘लड़कियाँ कहाँ जाएँ’

  मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
                                                                   एपिसोड-55

आज की कहानी का शीर्षक“लड़कियां कहाँ जायें?
              मीनारानोसुमिऋतू सारी सहेलियाँ पकड़म पकडाई खेल रही हैं।
.......तभी बहनजी आकर बताती हैं की उनका स्कूल पूरे जिले में  पहले नंबर पर  आया है तथा उन्हें १००उपस्थिति का पुरस्कार मिला है।........कल उन सब को गंगापुर जाना हैक्योंकि वह आखिरी  नंबर पर आया हैवहां लड़कियों की उपस्थिति तो न के बराबर है।
  
  .......सभी अगले दिन बस से हँसते खेलते गंगापुर को निकलते हैं।
 परंतु रानो परेशान हैं क्योंकि उसे शौचालय जाना है। सभी बेसब्री से गंगापुर पहुँचना चाहते हैं.......... ताकि वे लड़कियों  शौचालय में बेफिक्र हो कर जा सकें।
       

     बस गंगापुर विद्यालय के सामने रूकती है ......... वहाँ की प्रधानाध्यापक सबका स्वागत करती हैं ........... लड़कियों उसकी परेशानी का कारण पूछती हैं ........ पता चलने पर अपने विद्यालय की सुनीता को उन सबको शौचालय ले जाने को कहती हैं। .........लड़कियाँ शौचालय की गंदगीबदबूमक्खियाँ.......इत्यादि से परेशान हो उसके अंदर जाने से इन्कार कर देती हैंपरन्तु रानो से रुका नहीं जाता और वह अंदर चली जाती है। मगर........ ये क्या ?
रानो चीखती हुई बाहर निकलती है।
     
शौचालय में (आकाश और बन्टीउसी विद्यालय के दो छात्रलड़के थेवो रानो से पूछ्ते हैं कि  वह भाग क्यों आई? ...........क्या उन्हें देख डर गयी?
मीना उन दोनों से पूछती है,..... कि क्या वहां लड़कियों के लिये दूसरा शौचालय है??
पर उत्तर में 'मिलता है।
  
     मीना और उसकी सहेलियाँसुनीता से पूछती हैं कि क्या यहाँ लड़कियों के लिए अलग शौचालय नहीं है, ......... सुनीता उन्हें सरपंच जी के घर (जोकि वहाँ से काफी दूर हैयहाँ ले जाती है।

.................इधर विद्यालय में मीना की बहनजी लड़कियों के वापस न आने से परेशान होने लगती हैं।
गंगापुर की प्रधानाध्यापकबहनजी से पूछती हैं कि एक सी किताबोंएक सी अध्यापकों की संख्यासमान सुविधा होने के बावजूद.....एक विद्यालय प्रथम और दूसरा सबसे नीचे कैसे आया?

(तभी वहां लडकियां वापस आकर बहनजी को सब कुछ बताती हैं।)

     ....बहिन जी  उत्तर देती हैं की यहाँ लड़कियों के लिए अलग शौचालय न होने के कारण ऐसा हुआ है।

तभी वहां सरपंच जी आते हैं और कहते हैं की वो लड़कियों के लिए अलग से शौचालय बनवाएंगेतथा वहां की साफ़ सफाई के लिए एक कर्मचारी भी रखेंगे।


आज का गाना-
ऐसा हो कि स्कूल और भी खूबसूरत हो,
हर वो चीज हो जिसकी हमें जरूरत हो|
.................................................
रंग बिरंगी दीवारें हो,सबसे फूल खिलें,
.................................................
ऐसा हो कि स्कूल और भी खूबसूरत हो,
हर वो चीज हो जिसकी हमें जरूरत हो|

आज का खेल-     'कड़ियां जोड़ पहेली तोड़'
इसकी टाँगे होती चार,
करती है सब का सत्कार|
राजनीति में जो भी जाए,
करने लगे इसी से प्यार|
                                                                                    उत्तरकुर्सी

कहानी का सन्देश-
   
                 ‘रोज़ जाएंगे सब बच्चे विद्यालयजब लड़का लड़की के लिए हो अलग शौचालय’

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