Saturday, December 10, 2016

एपिसोड-36 🤔 "सोचो समझो"

मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण 
एपिसोड-36

कहानी का शीर्षक सोचो समझो ”

     मीनासुनील के साथ रवि के घर जा रही हैघर पर रवी की दादी मिलती हैं|
दादी बताती है...रवी तो घर पे नहीं है”...अब पता हो तो बताऊँ मीना बेटी|....कुछ बताके ही नहीं जाता ये लड़का आज कल|’
“दादी जीआपने उससे कहा नहीं कि स्कूल से छुट्टियाँ नहीं करनी चाहिए|” सुनील ने पूँछा|   
दादी-अरेवो मेरी सुने तब नसुबह होते ही घर से निकल जाता है और शम्म होने पर वपस्द लौटता है......पता नहीं कहाँ घूमता रहता है|
मीना-क्या चाचा जी...और चाची जी ने उसे कुछ नहीं कहा?
दादीवो दोनों तो 10-12   दिनों के लिए शहर गए हुए हैं नमाँ-बाप घर नहीं तभी तो कोई डर नहीतुम्हें मिले तो समझानाउसे|
 “दादी जीहमें तो खुद रवी से मिले हुए पांच दिन से उपर हो चुके हिं तो आजकल वो स्कूल आता हैं  ही हमारे साथखेलने|” सुनील बताता है, “..दरअसल रवी ने पिछले हफ्ते मुझसे मेरी विज्ञान की कॉपी ली थी..मैं वाही लेने आया हूँ|’’
      दादी रवी के बस्ते से कॉपी लेने को कहती हैं|
बस्ते की हालत देखमिठ्ठू चहका“रवी का बस्ता हालत है खस्ता|”
सुनील को उसकी कॉपी मिल जाती हैजैसे ही मीना,सुनील चलने को होते हैं तो दादी उनसे पता करने को कहती हैं कि रवी आजकल जाता कहाँ हैदादी आगे कहती हैं‘रवीतुम्हें आज ठीक चार बजे बस अड्डे पर मिलेगा|’
.....जोकि अपने मौसी के लड़के आशु को लेने जायेगा|
      मीना और सुनील ठीक चार बजे बस अड्डे पर पहुंचे|
रवीमीना और सुनील को बताता है“आजकल मैं विशाल भईया और उनके दोस्तों के साथ रहता हूँ|....अरे मीनाबड़े मजेदारहैं वो लोगपता है हम दिनभर विशाल भईया के घर जाके टीवी देखते हैं...फिल्मी किताबें पढ़ते हैं और खूब खेलते हैंमुझे तोउन लोगों के साथ खूब मज़ा आता है|”
..लेकिन रवी इस मज़े के कारण तुम्हारी पढाई का जो नुकसान हो रहा है वो|”, मीना ने टोका|
....नुकसान होता है रवी...अब देखो न पिछले हफ्ते बहिन जी ने विज्ञान का जो पाठ पढाया था आज हमें उसी के प्रश्न उत्तर याद करने हैं तभी तो मैं ये कॉपी.... सुनील ने कॉपी दिखाते हुए आगे जोड़ा|
      रवी ने घबराकर सुनील के हाथ से कॉपी छीनने की कोशिश की और छीना झपटी में कॉपी नीचे जा गिरी और उसमें से निकला...एक गुटखे का पैकेट|

मीनासुनील....तुम गुटखा खाते हो|
“नहीं,...नहीं मीनाये तो मुझे विशाल भईया ने दिया थाउन्होंने कहा था कि इसे खा के बहुत मज़ा आता है|.....लेकिन मैंने येगुटखे का पैकेट इस कॉपी में छुपाकर रख दिया था|”, रवी ने सपकपाते हुए कहा|
मीनारवीगुटखा खाना बहुत बुरी आदत है|याद नहीं एक बार बहिन जी ने क्लास में बताया था कि गुटखा जहर सामान होताहै|
“हुंह...मैं नहीं मानताटीवी में नहीं देखा तुमने... कैसे लोग आन-बान और शान से गुटखा खाते हैं? रवी ने बड़े गर्व के साथ जबाब दिया|
मीना-.....पता है रवी पहलवान चाचा कहते है कि अक्सर टीवी पर विज्ञापनों की चमक-दमक में सच्चाई छुपा दी जाती हैऔरसच्चाई यही है कि तम्बाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहु खतरनाक होता है|’
       ...तब तक बलराम पुर की बस आ जाती हैं ..रवी चला जाता हैमीना की समझाने की सारी कोशिश बेकार जाती है|
        और फिर अगली सुबह मीना और सुनीलरवी की दादी जी से मिले और उन्हें सारी बात बताई|
दादीरवि को सबक सिखाने को तरकीब सुझाती हैं|
सुनील- ..लेकिन दादी जीक्या आशू माँ जायेगा?
दादीअरे तुम आशू की चिंता मत करोउसे मैं सब समझा दूंगीतुम दोनों बस याद से ठीक छः बजे यहाँ पहुँच जाना|
       रवी की दादी जी ने जरुर कोई जबरदस्त तरकीब सोची होगी तभी तो मीना और सुनील खुशी-खुशी वहां से लौटे और फिर शाम को ठीक छः बजे.....
मीनारवी....
रवीमीनासुनील तुम लोग यहाँ....और तुम्हारे हाथ में ये गुब्बारे कैसे?
मीनारवीहम आशू के साथ खेलने आये हैं...एक मजेदार खेलहम तीनो तुम्हारी छत पर जायेंगे फिर वहां से ये गुब्बारे पकड़ के नीछे कूद जायेंगे और धीरे-धीरे उड़ते हुए जमीन पे.......|
“क्या?...दिमाग तो ठीक है तुम्हारा|” रवी बीच में ही बोल पड़ा|
“जाने दो रवी भईयाबहुत मज़ा आयेगा|” आशू ने टोका|
रविनहीं आशू ...ऐसा करना बहुत खतरनाक हो सकता है|
आशूलेकिन भईयामैंने टीवी पर कई बार देखा है कि लोग गुब्बारे पकड़ के ऊंचाई से नीचे कूद जाते हैं|
रवीआशू अकल से काम लोटीवी में जैसा दिखता है विअस होता नहीं|
“लेकिन रवीकल तो तुम कह रहे थे कि टीवी में सब सही-सही दिखाया जाता है|” मीना ने जबाब माँगा|
     रवि सपकपा जाता है|
दादी उसे समझाती हैं...टीवी में देखी बातें या किसी भी सुनी सुनाई बात पे आँख बंद करके भरोसा करने वाले व्यक्ति को बेवकूफ कहते हैंइंसान वही जो अपनी अकल का इस्तेमाल करे ना कि दूसरों को कुछ करता देख के वही करने लग जाए|
रविमुझे माफ़ कर दीजिये दादीमैं टीवी की चमक-दमक देख के बहक गया था|लेकिन आज के बाद मैं अपना हर फैसलासोच समझ कर करूँगा|
मिठ्ठू चहका‘ये हुयी न बात चलो अब खेलो हमारे साथ|’ 

मीनामिठ्ठू की कविता-
                  “सुनी सुनाई बातों पर तुम मत करना विश्वास,
                 सोच समझ कर करना फैसला और बन जाना खास|”

आज का गाना-
हो ओ ओ...
इतना मत सोचो अकल पे जोर नहीं दो ज्यादा
खुशी बांटने से बढ़ती और गम हो जाए आधा
दिल में मत रख दिल की बात बाँट ले दोस्तों के साथ
जब बैठोगे साथ में मिलके सुनोगे जब तुम सबकी बात
जब ढूंढोगे मुश्किल का हल तो फिर झट से सुलझ जायेगी|
और फिर............
बातों-बातों में बात बन जायेगी... बातों-बातों में बात बन जायेगी...
हो ओ ओ...
सुनी सुनाई बातों में तुम कभी न देना ध्यान
सोच के लेना फैसला रख खुली आँख और कान
हर एक खबर पे आँख गढ़ा के उसको समझना ठोक बजाके
तभी बनेगी सोच सही तभी करोगे निर्णय ठीक
और फिर............
बातों-बातों में बात बन जायेगी... बातों-बातों में बात बन जायेगी...
हो ओ ओ...

आज का खेल“नाम अनेक अक्षर एक”
       अक्षर‘स’
Ø        व्यक्तिसोनू निगम (भारत के एक मशहूर गायक)
Ø        वस्तु-   सुराही
Ø        जानवर-  सियार
Ø        जगह-   सहारनपुर
आज की कहानी का सन्देश-

         “सोच समझ कर ही लें फैसला,जीवन में आगे बढ़े तभी बढेगा हौसला|’’

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